रक्षा मंत्री को इस अवसर पर चीन से लगी सीमा पर मजबूत किए जा रहे आधारभूत ढांचे की जानकारी दी गई. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पर सड़क बनाने और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का काम जारी रखने का निर्देश दिया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को तीनों सेनाओं के प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत के साथ बैठक की, इसमें लद्दाख क्षेत्र में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन के साथ तनाव पर चर्चा हुई. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि रक्षा मंत्री को इस अवसर पर चीन से लगी सीमा पर मजबूत किए जा रहे आधारभूत ढांचे की जानकारी दी गई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पर सड़क बनाने और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का काम जारी रखने का निर्देश दिया.
गौरतलब है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कई क्षेत्रों में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच फिलहाल तनाव की स्थिति है. विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद यह सबसे बड़ी सैन्य तनातनी का रूप ले सकती है.
उच्च पदस्थ सैन्य सूत्रों का कहना है कि भारत ने पैंगोंग त्सो और गलवान घाटी में अपनी स्थिति मजबूत की है. इन दोनों विवादित क्षेत्रों में चीनी सेना ने अपने दो से ढाई हजार सैनिकों की तैनाती की है और वह धीरे-धीरे अस्थायी निर्माण को मजबूत कर रही है. नाम उजागर न करने की शर्त पर एक उच्च सैन्य अधिकारी ने कहा, “क्षेत्र में भारतीय सेना चीन से कहीं ज्यादा बेहतर स्थिति में है.” गलवान घाटी में दरबुक शयोक दौलत बेग ओल्डी सड़क के पास भारतीय चौकी केएम-120 के अलावा कई महत्वपूर्ण ठिकानों के आसपास चीनी सैनिकों की उपस्थिति भारतीय सेना के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है. सेना की उत्तरी कमान के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा (अवकाशप्राप्त) ने कहा, “यह गंभीर मामला है. यह सामान्य तौर पर किया गया अतिक्रमण नहीं है.” उन्होंने कहा कि गलवान क्षेत्र पर दोनों पक्षों में कोई विवाद नहीं है, इसलिए चीन द्वारा यहां अतिक्रमण किया जाना चिंता की बात है.